Feature Image : Journal Entry

How to Make Journal Entry : जर्नल एंट्री कैसे बनाएं, सीखें।

नमस्कार दोस्तों,

आज हम जिस विषय पर बात करेंगे वह अकाउंटिंग का बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, इसे जर्नल एंट्री Journal Entry कहते हैं। अगर आप अकाउंटिंग के बारे मे थोड़ा कुछ भी जानते होंगे, तो शायद आपने “जर्नल एंट्री” के बारे मे जरूर सुना होगा। जर्नल एंट्री व्यापारिक हिसाब-किताब रखने का एक तरीका है। यदि आपको जर्नल एंट्री नहीं आती और आप सीखना चाहते हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह हैं। इस पोस्ट में हम आपको जर्नल एंट्री क्या है, और इसे क्यों और कैसे बनाते है, सब कुछ बताने जा रहे हैं। तो चलिए शुरू करते हैं;

नोट – Tally Prime सीरीज का यह चौथा आर्टिकल है, टैली प्राइम के कम्प्लीट आर्टिकल आप इस लिंक Complete Tally Series पर क्लिक करके पा सकते हैं।

Table of Contents

जर्नल एंट्री (Journal Entry) क्या है?

जर्नल एंट्री को आप एक व्यापार के वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड मान सकते हैं। जब भी कोई व्यापार (Business) कोई खरीद करता है, कोई बिक्री करता है, या कोई भुगतान करता है, तो उस लेन-देन को एक जर्नल में दर्ज किया जाता है। यह जर्नल एक तरह की डायरी की तरह है, जिसमें व्यापार के सभी वित्तीय गतिविधियों का रिकॉर्ड रखा जाता है।

जर्नल एंट्री क्यों बनाई जाती है?

जर्नल एंट्री (Journal Entry) बनाने के कई कारण है, ये निम्नलिखित हैं;

  • सटीकता (Accuracy) : जर्नल एंट्री सुनिश्चित करती है कि सभी वित्तीय लेन-देन सही ढंग से रिकॉर्ड किए गए हैं।
  • पारदर्शिता (Transparency) : जर्नल एंट्री व्यापार के वित्तीय स्वास्थ्य के बारे में एक स्पष्ट चित्र प्रदान करती है।
  • कर (Taxes) : जर्नल एंट्री कर रिटर्न तैयार करने में मदद करती है।
  • नियोजन (Planning): जर्नल एंट्री भविष्य के लिए वित्तीय योजना बनाने में मदद करती है।

एक जर्नल एंट्री में क्या शामिल होता है? | What Includes in Journal Entry

एक सामान्य जर्नल एंट्री में निम्नलिखित टर्म शामिल होते हैं;

  • तारीख (Date) : लेन-देन की तारीख
  • खाता (Account) : जिस खाते को प्रभावित किया गया है (उदाहरण के लिए, नकद, बैंक, क्रय, विक्रय, आय, व्यय)
  • रकम (Cash) : लेन-देन की राशि
  • वर्णन (Narration) : लेन-देन का संक्षिप्त विवरण

जर्नल एंट्री का अभ्यास | Exercise of Journal Entry

यहाँ हम आपको जर्नल एंट्री बनाना बता रहें है। इस अभ्यास मे किसी भी सौदे को डेबिट/क्रेडिट कैसे करते हैं, यह बताया गया है।

1. सूरज ने 100000 Rs से नया व्यापार आरंभ किया।

Account (Particular)Debit Credit
Dr. Cash A/c100000
Cr. Capital A/c100000
New Business Started (Narration)

नोट – उपरोक्त Journal Entry मे बताया गया है कि कैसे कोई खाता डेबिट (Debit) होगा या क्रेडिट (Credit) होगा। यहाँ हमने लेन-देंन की तारीख को स्किप कर दिया है, तारीख के साथ एंट्री करना हम आपको अगले ब्लॉग मे बताएंगे। आप अपने अनुसार पहला कॉलम तारीख का रख सकते है। अगर आपको डेबिट/क्रेडिट समझ नहीं आया तो इससे पिछला ब्लॉग पोस्ट पढ़ें,उसमे अकाउंट को डेबिट/क्रेडिट कैसे करना है यह बताया गया है। इसका लिंक हम नीचे दे रहे हैं।

पढ़ें : Golden Rule of Accounts : खातों के सुनहरे नियम

2. स्टेट बैंक मे नया खाता खुलवाया तथा 25000 Rs नगद जमा किए।

AccountDebitCredit
Dr. State Bank A/c25000
Cr. Cash A/c25000
Cash Deposit in Bank

Note : आगे की एंट्रीस मे नैरेशन यानि संक्षित विवरण जिसमे जरूरी हो लिखा जा सकता है, यहाँ हम सिर्फ जरूरी नरेशन को ही मेंशन करेंगे, जैसे चेक संख्या आदि। नरेशन आप अपने अनुसार लिख सकते हैं।

3. 28500 Rs का नगद माल खरीदा।

AccountDebitCredit
Dr. Purchase A/c28500
Cr. Cash A/c28500

4. प्रवीण से 11000 Rs का उधार माल खरीदा।

AccountDebitCredit
Dr. Purchase A/c11000
Cr. Praveen’s A/c11000

6. मोहन को 6000 Rs वेतन चेक द्वारा दिया।

AccountDebitCredit
Dr. Salary A/c6000
Cr. State Bank A/c6000
Ch. No. 51XXXXX21

7. माल खरीद पर 500 Rs नगद भाड़ा दिया।

AccountDebitCredit
Dr. Fright Inward A/c500
Cr. Cash A/c500

8. 35000 Rs का नगद माल बेचा।

AccountDebitCredit
Dr. Cash A/c35000
Cr. Sales A/c35000

9. नगद स्टेशनरी खरीदी, कीमत 1200 रुपये।

AccountDebitCredit
Dr. Stationary A/c1200
Cr. Cash A/c1200

10. बिजली बिल 1800 Rs नगद भुगतान किया।

AccountDebitCredit
Dr. Electricity Bill A/c1800
Cr. Cash A/c1800

11. प्रवीण को 2000 Rs का माल वापस किया।

AccountDebitCredit
Dr. Praveen’s A/c2000
Cr. Purchase Return A/c2000

12. प्रवीण को 9000 Rs नगद भुगतान किया।

AccountDebitCredit
Dr. Praveen’s A/c9000
Cr. Cash A/c9000

13. आग लगने से 7000 Rs का माल खराब हो गया।

Account DebitCredit
Dr. Good Loss by Fire A/c7000
Cr. Purchase A/c7000

14. व्यवसाय के मालिक ने स्वयं खर्च के लिए 2000 Rs नगद निकाले।

AccountDebitCredit
Dr. Drawing A/c2000
Cr. Cash A/c2000

15. बैंक आफ इंडिया से 100000 Rs कर्ज लिया।

AccountDebitCredit
Dr. Cash A/c100000
Cr. BOI Loan A/c100000

16. कंपनी के लिए नगद फर्नीचर खरीदा कीमत 22000 रुपये।

AccountDebitCredit
Dr. Furniture A/c220000
Cr. Cash A/c22000

17. नगद माल बेचा कीमत 18000, पैसा बैंक अकाउंट मे प्राप्त किया।

AccountDebitCredit
Dr. State Bank A/c18000
Cr. Sales A/c18000

18. ग्राहक से 3000 Rs का माल प्राप्त किया, बदले मे कैश भुगतान किया।

AccountDebitCredit
Dr. Sales Return A/c3000
Cr. Cash A/c3000

19. टेलीफोन के लिए 1800 Rs सिक्युरिटी जमा की।

AccountDebitCredit
Dr. Telephone Security A/c1800
Cr. Cash A/c1800

20. मेहमान नवाजी पर 500 खर्चा किया।

AccountDebitCredit
Dr. Sundry Expense A/c500
Cr. Cash A/c500

21. नगद माल खरीदा कीमत 30000 Rs तथा 15% छूट के साथ नगद भुगतान किया।

AccountDebitCredit
Dr. Purchase A/c30000
Cr. Cash A/c25500
Cr. Discount Received A/c4500

22. अनाथ आश्रम मे 1100 Rs का दान दिया।

AccountDebitCredit
Dr. Donation A/c1100
Cr. Cash A/c1100

23. नगद माल बेचा कीमत 48000 रुपये।

AccountDebitCredit
Dr. Cash A/c48000
Cr. Sales A/c48000

24. बैंक आफ इंडिया को 5000 Rs व्याज भुगतान किया।

AccountDebitCredit
Dr. Interest Paid A/c5000
Cr. Cash A/c5000

25. ट्रांसपोर्ट से माल बर्बाद हुआ, कीमत 12000 रुपये।

AccountDebitCredit
Dr. Goods Loss By Transport A/c12000
Cr. Purchase A/c12000

26. स्टेट बैंक मे 20000 Rs नगद जमा कराए।

AccountDebitCredit
Dr. State Bank A/c20000
Cr. Cash A/c20000

27. दुकान के किराये के लिए 6000 Rs का चेक जारी किया।

AccountDebitCredit
Dr. Shop Rent A/c6000
Cr. State Bank A/c6000
Ch. No. 51XXXXXX21

28. 12% छूट के साथ 23000 Rs का नगद माल बेचा।

AccountDebitCredit
Dr. Cash A/c20240
Dr. Discount Allowed A/c2760
Cr. Sales A/c 23000

29. दुकान मरम्मत कराई, 10000 Rs नगद भुगतान किया।

AccountDebitCredit
Dr. Shop Repair A/c10000
Cr. Cash A/c 10000

30. 4000 Rs विज्ञापन बिल के लिए चेक जारी किया।

AccountDebitCredit
Dr. Advertisement A/c40000
Cr. State Bank A/c 40000
Ch. No 51XXXXX21

निष्कर्ष (Conclusion)

जर्नल एंट्री लेखांकन की नींव है। यह हर लेनदेन का रिकॉर्ड रखने का सबसे पहला कदम है। Journal Entry सीखना आपकी अकाउंटिंग स्किल्स को मजबूत बनाने का एक शानदार तरीका है। यदि आप नियमित रूप से Journal Entry का अभ्यास करेंगे तो आप निश्चित ही जल्दी परिपक्व जो जाएंगे। अगली पोस्ट मे जर्नल एंट्री से संबंधी अनेकों प्रश्न आपको मिलेंगे जिनका अभ्यास आपको कुशल बना देगा। यदि आप अधिक गहराई से अकाउंटिंग सीखना चाहते हैं, तो हमारे अन्य ब्लॉग पोस्ट जरूर पढ़ें तथा हमसे निम्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जुड़ें रहें। क्योंकि जब भी हम कोई पोस्ट डालते है तो उसका लिंक इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अपडेट करते है।

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धन्यवाद!

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