नमस्कार दोस्तों, आज का लेख कंप्यूटर Hardware and Software से संबंधित है, इस ब्लॉग पोस्ट में, हम कंप्यूटर के इन दोनों घटकों को विस्तार से समझेंगे। हम यह जानेंगे कि हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्या होते हैं, उनके विभिन्न प्रकार क्या हैं, और वे एक साथ मिलकर कैसे काम करते हैं। तो चलिए स्टार्ट करते हैं –
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Table of Contents
- हार्डवेयर क्या है | What is Hardware?
- सॉफ्टवेयर क्या है | What is Software?
- सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है | What is System Software?
- सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रकार | Types of System Software
- अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है | What is Application Software?
- अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार | Types of Application Software
- कुछ अन्य अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार | Some Other Application Software Types
- सिस्टम सॉफ्टवेयर और अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर मे अंतर (Difference Between System Software & Application Software)
- निष्कर्ष | Conclusion
हार्डवेयर क्या है | What is Hardware?
हार्डवेयर कंप्यूटर के भौतिक भाग (Physical Parts) या कंपोनेन्ट होते है, जैसे कंप्यूटर बॉडी, मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर आदि। इसके अलावा कंप्यूटर के अंदर के सभी भाग जैसे- हार्ड डिस्क, मदरबोर्ड, रैम, सीपीयू, वीडियो कार्ड, केबल आदि सभी हार्डवेयर पार्ट्स कहलाते हैं। कंप्यूटर हार्डवेयर वह है, जिसे देखा और छुआ जा सकता हैं तथा रिपेयर भी किया जा सकता हैं। कंप्यूटर में उपयोग होने वाली सभी इनपुट/आउटपुट डिवाइसेस भी हार्डवेयर डिवाइसेस कहलाती हैं।
सॉफ्टवेयर क्या है | What is Software?
सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों तथा निर्देशों के सेट होते है, जो हार्डवेयर के नियंत्रण तथा मानवीय कार्यों को हल करने के लिए डेवलप (Develop) किए जाते है। अगर हम कंप्यूटर की मनुष्य से तुलना करे तो हार्डवेयर मनुष्य की बॉडी की तरह है, और सॉफ्टवेयर उसकी बॉडी की जान (Sole) या आत्मा। बिना सॉफ्टवेयर के हार्डवेयर को कंट्रोल या ऑपरेट नहीं किया जा सकता। सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर प्रोग्राम भी कहा जाता है। मूल रूप से सॉफ्टवेयर दो तरह के होते है, सिस्टम सॉफ्टवेयर और अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर।
सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है | What is System Software?
सिस्टम सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों व निर्देशों का सेट है, जो सिस्टम के हार्डवेयर भागों को नियंत्रित और मैनेज करते है। यह एप्लिकेशन प्रोग्राम के लिए भी प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं। सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर मे विभिन्न फंग्शनालिटी प्रदान करते है जैसे – डिवाइस मैनेजमेंट, मेमोरी मैनेजमेंट, अप्लीकेशन मैनेजमेंट, फाइल मैनेजमेंट आदि। बिना सिस्टम सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर पर कोई कार्य नहीं किया जा सकता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रकार | Types of System Software
सिस्टम सॉफ्टवेयर के कई प्रकार होते हैं, इनके बारे मे हम आपको नीचे बता रहे हैं;
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)
ऑपरेटिंग सिस्टम जिसे संक्षिप्त रूप में ओएस (OS) कहा जाता है, यह सिस्टम सॉफ्टवेयर का मुख्य प्रकार होता है। एक ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर और कंप्यूटर के मध्य सुविधा जनक इंटरफेस प्रदान करता है। यह पहला सॉफ्टवेयर होता है, जो कंप्यूटर पर लोड किया जाता है। यूजर कंप्यूटर पर जो भी कार्य करता है वह ऑपरेटिंग सिस्टम की मदद से ही कर पाता है। एप्लिकेशन प्रोग्राम को रन कराना, सभी डिवाइसेस को कंट्रोल करना, कट, कॉपी, पेस्ट, फाइल, फ़ोल्डर बनाना ये सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के ही फंगक्शन होते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण हैं – Linux, Unix, Windows, MS Dos, Mac इत्यादि।
यूटिलिटी प्रोग्राम्स (Utility Programs)
यूटिलिटी को सर्विस प्रोग्राम के रूप में भी जाना जाता है, यूटिलिटी प्रोग्राम वे सॉफ्टवेयर हैं जो यूजर को कंप्यूटर का विश्लेषण, कॉन्फ़िगर और रखरखाव करने की अनुमति प्रदान करते हैं। यह कंप्यूटर के मैनेजमेंट से संबंधित विशिष्ट कार्य करते है जैसे – Disk Defragment, Backup/Restore, Disk Cleanup, Windows Defender, Firewall आदि।
डिवाइस ड्राइवर (Device Driver)
डिवाइस ड्राइवर एक प्रोग्राम होता है जो विशेष तौर पर कंप्यूटर से जुड़ी किसी डिवाइस के संचालन व नियंत्रण के लिए उपयोग किया जाता है। जैसे – Printer Driver, Camera Driver, WiFi Driver आदि। डिवाइस ड्राइवर में किसी डिवाइस की कार्य-प्रणाली की सम्पूर्ण जानकारी होती है।
लैंग्वेज ट्रान्सलेटर (Language Translator)
लैंग्वेज ट्रांसलेटर (भाषा अनुवादक) असेंबली व हाई-लेवल प्रोग्रामिंग कोड का मशीन कोड में अनुवाद करते हैं, ताकि कंप्यूटर समझ सके और प्रक्रिया कर सके। कंप्यूटर केवल बाइनरी लैंग्वेज (मशीनी भाषा) को समझ सकता है, इसलिए अन्य भाषाओं मे लिखे प्रोग्राम कोड को मशीनी भाषा मे बदलने के लिए का ट्रांसलेटर का उपयोग किया जाता है। ट्रान्सलेटर निम्न प्रकार के होते हैं;
- असेम्बलर (Assembler) – असेंबलर असेंबली लैंग्वेज कोड को मशीन लैंग्वेज में परिवर्तित करने का कार्य करता है।
- कंपाइलर (Compiler) – कंपाइलर उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language) कोड को मशीनी भाषा में परिवर्तित करता है। कंपाइलर प्रोग्राम के निष्पादन में तेज है, क्योंकि यह पूरे कोड को मशीन कोड में एक बार में बदल देता है, तथा प्रोग्राम एरर्स को एक साथ दिखाता है।
- इन्टरप्रेटर (Interpreter) – इंटरप्रेटर उच्च स्तरीय भाषा कोड को मशीनी भाषा में परिवर्तित करता है। यह कोड को लाइन बाई लाइन इंटरप्रेट करता है, तथा एरर (Error) आने पर रुक जाता है। यह कम्पाइलर से धीमा है।
प्रोग्राम लोडर (Program Loader)
लोडर एक प्रोग्राम है, जो किसी प्रोग्राम के मशीन कोड को सिस्टम मेमोरी में लोड करता है।
अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है | What is Application Software?
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ऐसे प्रोग्राम होते है, क्योंकि यह कंप्यूटर में अतिरिक्त फंगक्शनैलिटी प्रदान करते है। ये सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता के अनुसार कंप्यूटर मे अलग से इंस्टॉल किए जाते हैं। कुछ अप्लीकेशन ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ पहले से लोड होते है। अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग यूजर द्वारा विशेष कार्यों के लिए किया जाता है, आइए जानते हैं विभिन्न प्रकार के अप्लीकेशन क्या होते हैं।
अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार | Types of Application Software
अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कई प्रकार के होते हैं –
प्रोडक्टिविटी सॉफ्टवेयर:
- वर्ड प्रोसेसर: माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, गूगल डॉक्स, लिब्रे राइटर
- स्प्रेडशीट्स: माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, गूगल शीट्स, लिब्रे कैल्क
- प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर: माइक्रोसॉफ्ट पावरपॉइंट, गूगल स्लाइड्स, लिब्रे इम्प्रेस
ग्राफिक्स और मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर:
- इमेज एडिटिंग सॉफ्टवेयर: एडोब फोटोशॉप, गिम्प
- वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर: एडोब प्रीमियर प्रो, फाइनल कट प्रो
- डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर: एडोब इनडिजाइन, क्वार्कएक्सप्रेस, कोरल
कम्युनिकेशन सॉफ्टवेयर:
- ईमेल क्लाइंट: माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक, मोजिला थंडरबर्ड
- इंस्टेंट मैसेजिंग: व्हाट्सएप, स्लैक
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग: जूम, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स
वेब ब्राउज़र:
- गूगल क्रोम, मोजिला फायरफॉक्स, माइक्रोसॉफ्ट एज
डेटाबेस सॉफ्टवेयर:
- माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस, ओरेकल, MySQL
एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर:
- कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (CRM): सेल्सफोर्स, जॉहो CRM
- एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP): SAP, ओरैकल ERP, Tally
एंटीवायरस और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर:
- नॉर्टन, मैक्एफी, कास्परस्की, फायरवाल
गेमिंग सॉफ्टवेयर:
- माइक्रोसॉफ्ट एक्सबॉक्स गेम्स, प्लेस्टेशन गेम्स, पीसी गेम्स (जैसे फ़ोर्टनाइट, माइक्रोसॉफ्ट)
स्पेशलाइज्ड एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर:
- CAD सॉफ्टवेयर: ऑटोकैड, सॉलिडवर्क्स
- मेडिकल सॉफ्टवेयर: EPIC, मेडिटेक
कुछ अन्य अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार | Some Other Application Software Types
यहाँ कुछ अन्य अप्लीकेशन सॉफ्टवेयरो के टाइप्स के बारे मे हम बता रहे हैं जो निम्न प्रकार हैं;
प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर (Programming Software) – इन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कंप्यूटर के लिए प्रोग्राम तथा सॉफ्टवेयर बनाने मे किया जाता है। इसमे यूजर को कोड लिखने तथा कोड को डिबग करने की सुविधा होती है। इनके उदाहरण – Notepad++, GitHub, Visual Studio, Sublime, Android Studio आदि।
फ्रीवेयर सॉफ्टवेयर (Freeware Software) – इस प्रकार के सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने के लिए फ्री मे उपलब्ध होते है, तथा इनको इस्तेमाल के लिए पैसे खर्च नहीं करने पढ़ते है। जैसे – Chrome Browser, Google Talk, Skype, MSN Messenger, Adobe PDF आदि।
शेयरवेयर सॉफ्टवेयर (Shareware Software) – इस प्रकार के सॉफ्टवेयर ट्रायल बेस्ड होते है। जिनका फ्री वर्ज़न और पैड वर्ज़न दोनों होता है। फ्री वर्ज़न मे कुछ फीचर लॉक रहते है, जो पैड वर्ज़न मे उपलब्ध होते है। जैसे – WinZip, WinRAR, Adobe Acrobat Professional 8 आदि।
ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (Open Source Software) – इस प्रकार के सॉफ्टवेयर सोर्स कोड के साथ फ्री मे उपलब्ध होते है, जिन्हे कस्टमाइज भी किया जा सकता है। जैसे – Linux, Open Office, Perl, Apache HTTP Web Server, Libre Office, Firefox आदि।
क्लोज्ड सोर्स सॉफ्टवेयर (Closed Source Software) – इस प्रकार के सॉफ्टवेयर फ्री मे उपलब्ध नहीं होते है, इसका सोर्स कोड भी कंपनी उपलब्ध नहीं कराती है। इनको इस्तेमाल करने के लिए इन्हे कंपनी से खरीदना पढ़ता है। जैसे- MS Office, MS Windows, Adobe Photoshop, Corel Draw, Adobe Flash Player, Virtual Box, Tally आदि।
सिस्टम सॉफ्टवेयर और अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर मे अंतर (Difference Between System Software & Application Software)
सिस्टम सॉफ्टवेयर | अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर |
सिस्टम सॉफ्टवेयर मुख्य रूप से सिस्टम रिसोर्स को मैनेज करने के लिए डिज़ाइन किए जाते है। | एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर विशिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। |
सिस्टम सॉफ्टवेयर की प्रोग्रामिंग जटिल होती है। | एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की प्रोग्रामिंग तुलनात्मक रूप से सरल होती है। |
सिस्टम सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर नहीं चल सकता। | एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर आसानी से चलता है। |
सिस्टम सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पर निर्भर नहीं करता है। | एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर सिस्टम सॉफ्टवेयर पर निर्भर करता है और सिस्टम सॉफ्टवेयर के बिना नहीं चल सकता। |
उदाहरण – Linux, Windows, Dos, Mac | उदाहरण – Word, Excel, Tally, Chrome, |
निष्कर्ष | Conclusion
आज हमने कंप्यूटर की दुनिया के दो सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं,Hardware and Software के बारे में विस्तार से चर्चा की। हमने जाना कि हार्डवेयर कंप्यूटर का भौतिक हिस्सा है, जबकि सॉफ्टवेयर वह निर्देश है जो हार्डवेयर को बताता है कि क्या करना है। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर एक दूसरे के पूरक हैं। हार्डवेयर के बिना, सॉफ्टवेयर के पास चलने के लिए कोई जगह नहीं होती। और सॉफ्टवेयर के बिना, हार्डवेयर बेकार का लोहा होता। दोनों मिलकर एक शक्तिशाली उपकरण बनाते हैं जो हमें काम करने, सीखने और मनोरंजन करने में मदद करता है।
हमने यह भी जाना कि Hardware and Software के कई प्रकार हैं। प्रत्येक प्रकार का अपना विशिष्ट कार्य होता है और वे विभिन्न जरूरतों को पूरा करते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से, मुझे उम्मीद है कि आपने Hardware and Software के बारे में बहुत कुछ सीखा होगा। यदि आपके मन में अभी भी कोई प्रश्न है, तो आप मुझसे पूछ सकते हैं।
आपकी टिप्पणियों का इंतजार रहेगा!
धन्यवाद !
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