कंप्यूटर विज्ञान की दुनिया में मानव और मशीन के बीच संचार को सक्षम बनाने के लिए विभिन्न उपकरणों (Devices) का उपयोग किया जाता है, जो डेटा इनपुट और आउटपुट प्रदान करते हैं। ये उपकरण कंप्यूटर के कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे उपयोगकर्ता कंप्यूटर को कमांड, डेटा इनपुट और प्रोसेस्ड परिणाम प्राप्त कर पाते हैं। डिवाइसेस कंप्यूटर के वे अंग होते है, जो कंप्यूटर की कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं। आज हम इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से कंप्यूटर की विभिन्न इनपुट और आउटपुट डिवाइस पर चर्चा करेंगे और प्रत्येक डिवाइस का कंप्यूटर मे क्या उपयोग है, यह समझेंगे।
डिवाइसेस को मुख्य दो भागों मे बांटा गया है, इनपुट और आउटपुट डिवाइस। चलिए अब इन डिवाइसो के बारे मे विस्तार से समझते हैं;
इनपुट डिवाइस (Input Device)
इनपुट डिवाइसेस वे डिवाइसेस होती है, जो कंप्यूटर को डेटा (Data) और निर्देश (Instruction) इनपुट करने के लिए इस्तेमाल मे लायी जाती है। विभिन्न प्रकार के डाटा जैसे – टेक्स्ट, साउन्ड, चित्र आदि को इनपुट करने के लिए कंप्यूटर में कई प्रकार की डिवाइसों का इस्तेमाल किया जाता हैं, इनमे से कुछ मुख्य निम्न प्रकार हैं-
1. कीबोर्ड (Keyboard)
कीबोर्ड सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला और बहुत लोकप्रिय इनपुट डिवाइस है जो टाइप करके डेटा इनपुट करने में मदद करता है। कीबोर्ड दो प्रकार के होते हैं नॉर्मल कीबोर्ड (कुंजी 101 से 107 तक) और मल्टीमीडिया कीबोर्ड (कुंजी 107 से 137 तक). नॉर्मल कीबोर्ड सामान्य कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है जबकि मल्टीमीडिया कीबोर्ड सामान्य व मल्टीमीडिया दोनों कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
कीबोर्ड कीज विभिन्न प्रकार की होती हैं, जिन्हें उनकी कार्यप्रणाली और उपयोग के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। कीबोर्ड कीज के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
अल्फ़ान्यूमेरिक कीज (Alphanumeric Keys)
ये कीज कीबोर्ड पर अक्षरों (A-Z) और अंकों (0-9) को टाइप करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
मॉडिफ़ायर कीज (Modifier Keys)
ये कीज अन्य कीज के साथ मिलकर विशेष कार्य करने के लिए उपयोग की जाती हैं:
- Shift: बड़े अक्षर टाइप करने या कीज के ऊपरी हिस्से के प्रतीक टाइप करने के लिए उपयोग होती है।
- Ctrl (Control): शॉर्टकट कमांड्स के लिए अन्य कीज के साथ उपयोग होती है।
- Alt (Alternate): विशेष कमांड्स और शॉर्टकट्स के लिए उपयोग होती है।
- Fn (Function): लैपटॉप कीबोर्ड पर अतिरिक्त कार्यक्षमता के लिए उपयोग होती है।
फंक्शन कीज (Function Keys)
ये कीज कीबोर्ड के शीर्ष पर होती हैं और F1 से F12 तक नामित होती हैं। ये कीज विशेष कार्यों और शॉर्टकट्स के लिए उपयोग होती हैं, जैसे:
- F1: सहायता (Help) मेनू खोलने के लिए।
- F2: चुने हुए आइटम को रिनेम करने के लिए
- F5: वेब पेज को रिफ्रेश करने के लिए।
नेविगेशन कीज (Navigation Keys)
ये कीज स्क्रीन पर नेविगेशन के लिए उपयोग होती हैं:
- Arrow Keys: कर्सर को चारों दिशाओं में ले जाने के लिए।
- Home: कर्सर को लाइन के प्रारंभ में ले जाने के लिए।
- End: कर्सर को लाइन के अंत में ले जाने के लिए।
- Page Up: एक पेज ऊपर ले जाने के लिए।
- Page Down: एक पेज नीचे ले जाने के लिए।
न्यूमेरिक कीपैड कीज (Numeric Keypad Keys)
ये कीज कीबोर्ड के दाईं ओर होती हैं और अंकों और गणितीय ऑपरेशन्स (+, -, *, /) को तेजी से इनपुट करने के लिए उपयोग होती हैं।
स्पेशल कीज (Special Keys)
ये कीज विशेष कार्यों के लिए होती हैं:
- Enter: कमांड को निष्पादित करने या नए लाइन में जाने के लिए।
- Spacebar: स्पेस (खाली स्थान) डालने के लिए।
- Backspace: पिछला अक्षर या संख्या मिटाने के लिए।
- Delete: कर्सर के बाद के अक्षर या संख्या मिटाने के लिए।
- Esc (Escape): किसी प्रक्रिया को रद्द करने के लिए।
2. माउस (Mouse)
माउस का उपयोग कंप्यूटर को तेजी से ऑपरैट करने व ड्रॉइंग बनाने के लिए किया जाता है। इसे पोइंटिंग डिवाइस भी कहते हैं, क्योंकि एक पॉइन्टर जो तीर के समान मानिटर की स्क्रीन पर दिखाई देता है, माउस से कंट्रोल किया जाता है। इसी तीर की मदद से स्क्रीन पर दिखाई दे रहे किसी भी ऑप्शन को सिलेक्ट कर सकते हैं या कोई ड्रॉइंग बना सकते हैं। माउस को ऑप्टिकल डिवाइस (Optical Device) भी कहते है, क्योंकि माउस की निचली सतह मे लेजर लाइट लगी होती है जिसकी वजह से माउस के मूव होने पर पॉइन्टर भी मूव करता है।
माउस में मुख्य रूप से तीन बटन मौजूद होते हैं।
- Right Button – विकल्प खोलने के लिए।
- Left Button – विकल्प चयन करने के लिए।
- Scroll Button – पेज को ऊपर/नीचे स्क्रॉल करने के लिए।
3. लाइट पेन (Light Pen)
लाइट पेन (पेन के समान) एक पॉइंटिंग डिवाइस है, इसे सीपीयू से कनेक्ट कर मानिटर मे प्रदर्शित मेनू आइटम का चयन करने, टेक्स्ट को मार्क करने, सिलेक्ट करने या स्क्रीन पर चित्र बनाने के लिए किया जाता है।
4. जॉइस्टिक (Joystick)
जॉयस्टिक एक इनपुट डिवाइस है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर वीडियो गेम खेलने तथा डिजाइन बनाने के लिए किया जाता है। जॉयस्टिक में आधार (Base) से जुड़ी एक छड़ी होती है, जिसे 360 डिग्री घुमाया जा सकता है। जॉइस्टिक से ड्रॉइंग करना माउस की अपेक्षा काफी सुलभ और बेहतर रहता है।
5. ट्रैक बाल (Track Ball)
यह एक पॉइंटिंग डिवाइस है। यह माउस के समान ही है लेकिन इसे माउस की तरह मूव नहीं करना पड़ता है। इसे एक ही स्थान पर रखकर चलाया जाता है, क्योंकि इसमे एक बाल होती है जो अंगूठे से घुमाई जाती है, बाल की दिशा में स्क्रीन पर पॉइन्टर मूव करता है।
6. स्कैनर (Scanner)
स्कैनर एक इनपुट डिवाइस है, जो फोटोग्राफ और टेक्स्ट पेज जैसे दस्तावेजों को स्कैन कर डिजिटल प्रारूप में बदल देता है। जिसे कंप्यूटर पर देखा और पुनः संपादित भी किया जा सकता है। स्कैनर कई प्रकार के होते है इनके कुछ उदाहरण निम्न प्रकार हैं –
स्कैनर एक महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है जो कागज़ पर मौजूद जानकारी को डिजिटल फॉर्मेट में बदलता है। विभिन्न प्रकार के स्कैनर उपलब्ध हैं, जो विभिन्न आवश्यकताओं और उपयोगों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। नीचे स्कैनर के प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:
फ्लैटबेड स्कैनर (Flatbed Scanner)
फ्लैटबेड स्कैनर सबसे सामान्य और व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले स्कैनर होते हैं। इसमें एक फ्लैट सतह होती है जिस पर दस्तावेज़ या फोटो रखा जाता है और स्कैनर का ढक्कन बंद कर दिया जाता है।
- उपयोग: दस्तावेज़, तस्वीरें, पुस्तकें।
- विशेषताएं: उच्च गुणवत्ता वाली स्कैनिंग, विभिन्न आकारों के दस्तावेज़ों को स्कैन करने की क्षमता।
शीट-फेड स्कैनर (Sheet-fed Scanner)
शीट-फेड स्कैनर में एक ऑटोमैटिक दस्तावेज़ फीडर (ADF) होता है जो दस्तावेज़ों को एक-एक करके स्कैन करता है।
- उपयोग: बड़ी संख्या में दस्तावेज़ों की स्कैनिंग।
- विशेषताएं: तेज़ स्कैनिंग, उच्च गति और दक्षता।
हैंडहेल्ड स्कैनर (Handheld Scanner)
हैंडहेल्ड स्कैनर छोटे और पोर्टेबल होते हैं जिन्हें उपयोगकर्ता दस्तावेज़ या सतह पर हाथ से चलाकर स्कैन करता है।
- उपयोग: छोटे दस्तावेज़, बारकोड स्कैनिंग।
- विशेषताएं: पोर्टेबिलिटी, सरलता, कम लागत।
ड्रम स्कैनर (Drum Scanner)
ड्रम स्कैनर उच्च गुणवत्ता और उच्च रिज़ॉल्यूशन वाली स्कैनिंग के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसमें दस्तावेज़ या फोटो को एक सिलेंडर पर माउंट किया जाता है और स्कैनर द्वारा स्कैन किया जाता है।
- उपयोग: प्रोफेशनल फोटो और प्रिंटिंग इंडस्ट्री।
- विशेषताएं: अत्यधिक उच्च रिज़ॉल्यूशन और सटीकता।
फिल्म स्कैनर (Film Scanner)
फिल्म स्कैनर विशेष रूप से फोटोग्राफिक फिल्म्स और स्लाइड्स को स्कैन करने के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं।
- उपयोग: निगेटिव्स, स्लाइड्स।
- विशेषताएं: उच्च रिज़ॉल्यूशन, फोटो की गुणवत्ता को बरकरार रखने की क्षमता।
3डी स्कैनर (3D Scanner)
3डी स्कैनर वस्तुओं के त्रिआयामी (3D) मॉडल को स्कैन और कैप्चर करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- उपयोग: इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, चिकित्सा।
- विशेषताएं: त्रिआयामी मॉडलिंग, सटीकता, जटिल डिज़ाइन को कैप्चर करने की क्षमता।
ओवरहेड स्कैनर (Overhead Scanner)
ओवरहेड स्कैनर दस्तावेज़ों को ऊपर से स्कैन करता है, जिससे बड़ी और मोटी पुस्तकों को स्कैन करना संभव हो जाता है।
- उपयोग: पुस्तकालय, संग्रहालय।
- विशेषताएं: बिना पृष्ठों को नुकसान पहुंचाए स्कैनिंग, बड़े दस्तावेज़ों की स्कैनिंग।
इन विभिन्न प्रकार के स्कैनरों का चयन उनकी उपयोगिता, स्कैनिंग गुणवत्ता, और आवश्यकताओं के आधार पर किया जाता है। स्कैनर का सही चयन आपके कार्यों को अधिक प्रभावी और कुशल बना सकता है।
7. एम.आई.सी. आर (MICR (Magnetic Ink Character Recognition))
MICR का उपयोग आमतौर पर बैंकों में नकली चेकों की पहचान करने के लिए व प्रतिदिन संसाधित किए गए चेकों की बड़ी संख्या को स्कैन करने के लिए किया जाता है। इसमे एक विशेष प्रकार की स्याही (जिसमे चुंबकीय सामग्री होती है) से चेक पर बैंक कोड नंबर मुद्रित किए जाते हैं। एमआईसीआर चुंबकीय स्याही वर्ण पहचान प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सही जांच करने में सक्षम है।
8. ओ.सी.आर (OCR (Optical Character Recognition/Reader))
ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग प्रिंटेड टेक्स्ट को पढ़ने के लिए किया जाता है। OCR टेक्स्ट को स्कैन कर डिजिटल फॉर्मैट में बदल कर सिस्टम मेमोरी पर स्टोर करता है। जिसे बाद में एडिट किया जा सकता है।
9. बी.सी.आर (BCR (Bar Code Reader))
बार कोड रीडर किसी भी उत्पाद पर छपे बारकोड डेटा (डार्क लाइनों के रूप में डेटा) को पढ़ने के लिए उपयोग किया जाने वाला डिवाइस है। बारकोड रीडर आमतौर पर मॉल और स्टोर में उपयोग किया जाता है। यह एक हैंड-हेल्ड स्कैनर है जो बार कोड इमेज को स्कैन कर उसमे छिपी जानकारी रीड करता है और कंप्यूटर पर अपडेट करता है।
10. ओ.एम.आर (OMR (Optical Mark Reader))
ओएमआर एक विशेष प्रकार का ऑप्टिकल स्कैनर है जिसका इस्तेमाल पेन या पेंसिल से से बनाए गए निशानों को पहचानने में किया जाता है। इसका उपयोग विशेष रूप से MCQ वाली उत्तर पुस्तिका की जाँच के लिए किया जाता है।
11. माइक्रोफोन (Microphone)
एक माइक्रोफ़ोन एक ऐसा डिवाइस है जो ध्वनि तरंगों को विद्युत सिग्नल में परिवर्तित करके ऑडियो कैप्चर करता है। इस सिग्नल को एनालॉग सिग्नल के रूप में बढ़ाया जा सकता है या डिजिटल रूप में बदल कर रिकॉर्ड किया जा सकता है।
12. वेब कैमरा (Web Camera)
वेब कैमरा एक इनपुट डिवाइस है, इसका उपयोग कंप्यूटर में वीडियो चैटिंग या वीडियो कॉलिंग के लिए किया जाता है। लैपटॉप या नोटबुक में यह इनबिल्ट होता है।
आउटपुट डिवाइसेस (Output Devices)
वे सभी डिवाइसेस जो कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस किए गए डेटा को आउट्पुट करने के लिए इस्तेमाल की जाती है, आउट्पुट डिवाइस कहलाती है। अलग-अलग प्रकार के डाटा को आउट्पुट करने के लिए अलग-अलग प्रकार की डिवाइसेस भी इस्तेमाल की जाती है, उनमे से कुछ मुख्य डिवाइसेस निम्न प्रकार हैं-
1. मॉनिटर (Monitor)
मॉनिटर, जिसे आमतौर पर विजुअल डिस्प्ले यूनिट (VDU) कहा जाता है, कंप्यूटर का मुख्य आउटपुट डिवाइस है। इसका उपयोग कंप्यूटर पर हो रहे कार्य को देखने के लिए किया जाता है। मानिटर स्क्रीन पर कोई भी चित्र छोटे-छोटे बिंदुओं से मिलकर बनता है, जिन्हें पिक्सेल कहा जाता है। ये सभी पिक्सेल एक आयताकार रूप में व्यवस्थित होते हैं। किसी भी छवि की शार्पनेस उसकी पिक्सेल संख्या पर निर्भर करती है। जितने अधिक पिक्सेल होंगे तस्वीर उतनी ही क्लियर होगी। मॉनिटर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है।
CRT (Cathode Ray Tube)
यह मानिटर दिखने में किसी टीवी के समान होते हैं, यह साइज़ में बड़े और अधिक बिजली की खपत करते है। यह मानिटर पहले ब्लैक एण्ड व्हाइट फिर बाद में कलर ऑप्शन में आए, लेकिन अब इनका उपयोग लगभग खत्म हो चुका है, अब इनकी जगह LED, TFT, LCD आदि मानिटर ने ले ली है।
FPD (Flat Panel Display)
यह नए जमाने के मानिटर है, ये मानिटर कम रेडिएशन उत्पन्न करते है, साथ ही बिजली की भी कम खपत करते हैं। ये मानिटर आकार में छोटे व हल्के होते है, इनका डिस्प्ले फ्लैट होता है जो TFT, LCD, LED, IPS, OLED आदि तकनीक का उपयोग करके बनाया जाता है।
2. प्रिंटर (Printer)
Printer एक आउटपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कागज पर सूचना को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। डीपीआई (डॉट्स पर इंच) में प्रिंटर के प्रिन्ट करने की गुणवत्ता को मापा जाता है। प्रिंटर दो प्रकार के होते हैं।
प्रभाव प्रिंटर (Impact Printer)
यह प्रिंटर पुरानी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इम्पैक्ट प्रिंटर में प्रिन्ट करने के लिए हैमर और पिन का उपयोग किया जाता है। हैमर जिसपर कैरिक्टर छपे होते है, स्याही के संपर्क में आने के बाद सीधे पेपर पर हिट करता है, जिससे कैरिक्टर छप जाता है। यह प्रिंटर स्लो होते है तथा काफी शोर उत्पन्न करते हैं। इम्पैक्ट प्रिंटर का एक अच्छा उदाहरण टाइपराइटर है। इसके अन्य उदाहरण: कैरेक्टर प्रिंटर (डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर, डेज़ी व्हील प्रिंटर), लाइन प्रिंटर (ड्रम प्रिंटर, चेन प्रिंटर, बैंड प्रिंटर) आदि।
गैर-प्रभाव प्रिंटर (Non-Impact Printer)
यह मॉडर्न प्रिंटर है जो काफी तेज़ होते हैं, तथा इम्पैक्ट प्रिंटर की तुलना में उच्च गुणवत्ता वाले आउटपुट का उत्पादन करते हैं। ये प्रति मिनट 24 पेज तक प्रिंट कर सकते हैं। ये छपाई के दौरान कोई शोर उत्पन्न नहीं करते हैं। ये प्रिंटर इम्पैक्ट प्रिंटर से महंगे होते हैं, क्योंकि छपाई के लिए ये इलेक्ट्रोस्टैटिक, लेजर, इंकजेट और थर्मल आदि तकनीकों का उपयोग करते हैं। नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर के उदाहरण- लेजर प्रिंटर, इंकजेट प्रिंटर, थर्मल प्रिंटर आदि।
3. प्लाटर (Plotter)
एक प्लॉटर मूल रूप से एक बड़ा प्रिंटर होता है, जिसका उपयोग वेक्टर ग्राफिक्स और बड़े आकार के ग्राफिक्स को प्रिन्ट करने के लिए किया जाता है। उदाहरण – बैनर, होर्डिंग, बड़े आकार के विज्ञापन आदि।
4. स्पीकर (Speaker)
स्पीकर एक आउटपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर से ध्वनि या आवाज सुनने के लिए किया जाता है।
5. प्रोजेक्टर (Projector)
प्रोजेक्टर एक आउटपुट डिवाइस है। इस डिवाइस का इस्तेमाल लोगों के एक समूह को किसी बड़ी स्क्रीन पर कोई फिल्म या प्रस्तुतीकरण दिखाने के लिए किया जाता है। प्रोजेक्टर किसी सपाट दीवार या परदे पर लेजर लाइट की मदद से कंप्यूटर पर प्ले हो रहे ग्राफिक की डुप्लिकेट स्क्रीन जनरेट कर देता है, जिसे छोटा या बड़ा भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इनपुट और आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर सिस्टम के अभिन्न अंग हैं, जो उपयोगकर्ता और मशीन के बीच सहज और प्रभावी संचार को सक्षम बनाते हैं। इन उपकरणों के बिना, कंप्यूटर के साथ इंटरैक्शन करना और डेटा को प्रोसेस करना संभव नहीं हो पाता। कीबोर्ड और माउस जैसे साधारण इनपुट डिवाइस से लेकर स्कैनर और माइक्रोफोन जैसे उन्नत उपकरणों तक, प्रत्येक डिवाइस का अपना विशिष्ट कार्य होता है जो कंप्यूटर उपयोग को आसान और अधिक कुशल बनाता है।
इसी प्रकार, मॉनीटर, प्रिंटर, स्पीकर, और प्रोजेक्टर जैसे आउटपुट डिवाइस उपयोगकर्ताओं को प्रोसेस्ड डेटा को विभिन्न स्वरूपों में प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करते हैं। ये डिवाइस सुनिश्चित करते हैं कि उपयोगकर्ता को कंप्यूटर से प्राप्त जानकारी स्पष्ट, सटीक और समझने योग्य हो।
इनपुट और आउटपुट डिवाइसों की समझ और उनके उचित उपयोग से, हम कंप्यूटर के साथ हमारे इंटरैक्शन को अधिक प्रभावी और उत्पादक बना सकते हैं। चाहे आप एक छात्र हों, एक पेशेवर हों, या एक सामान्य उपयोगकर्ता हों, इन उपकरणों के बारे में ज्ञान आपके कंप्यूटर उपयोग अनुभव को और भी बेहतर बनाएगा।
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